एक ग्राम Protein में 4 ग्राम Calorie होता है,ये हमारे शरीर का 15 प्रतिशत हिस्सा है।
आइये जानते हैं प्रोटीन के बारे में
मेरे प्रिय पाठकों क्योंकि प्रोटीन (Protein Hindi) एक जैविक उपादान है। इसलिए इसके बारे में जानना आपको बहुत ही जरूरत है। Protein की परिभाषा से लेकर Protein की प्रकार और इसके कार्य को मैंने Protein की संज्ञा (Protein Definition In Hindi) पर आधारित इस लेख में आपको बता दिया है। Protein को हिन्दी में पुष्टि सार भी कहा जाता है| क्योंकि ( as a result of ) यह अन्य पोषक सारों में सबसे महत्वपूर्ण है इसलिए इससे जुड़ी शारीरिक गतिविधिया शरीर के विकास के लिए अतिआवश्यक है| इसलिए ( therefore ) यह तो तय है की , आपको इस लेख से बहुत ही लाभ होने वाला है।
मित्रों! पहली बात तो यह है की , Protein की संज्ञा ( Protein In Hindi) जानने से पहले आपको यह समझना होगा की Protein सिर्फ हमारे जीवन के लिए ही बल्कि हमारे शरीर के विकाश के लिए कितना जरूरी है>
दूसरी बात यह है की , Protein की महत्व इस संसार में क्या है| हालाँकि में इसके बारे में आगे ( later ) इस लेख मे बताऊंगा | परंतु ( however ) फिरभि ( nonetheless ) मैंने इसके बारे में पहले से ही सूचित कर दिया है>
Protein की संज्ञा क्या है? – Protein Definition In Hindi
यह , एक बृहत अणु है जो की बहुत प्रकार के छोटे-छोटे Amino Acid के समागम से बनी हुई होती है। इसके अलावा यह शरीर में मौजूद तीन मुख्य जीव सारों में से भी एक मुख्य जीव सार है। इसके अलावा श्वेत – सार और Fats अन्य दो मुख्य उपादान है।
यह मुख्य रूप से प्राणी जात खाने में बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है| विशेष रूप से अन्य जीव से सीधे तरीके से उत्पाद किए गए खाने की चीजों में Protein In hindi की मात्रा ज्यादा होता है| हमारे शरीर में मौजूद मुख्य तीन जीव-सार हमारे शरीर के लिए जरूरत ऊर्जा और Energy का उत्पाद करते हैं|
इसी वजह से एक ग्राम Protein में 4 ग्राम Calorie होता है और यह हमारे शरीर के कुल वजन का 15% ( वजन का ) हिस्सा है| क्योंकि Protein Amino Acids से बनी हुई होती है| इसलिए ( due to this fact ) इसके जो मौलिक परमाणु होते है , वह ऑक्सिजन , हाइड्रोजन , नाइट्रोजन कार्बन और सल्फर से बनी हुई होती है| क्योंकि ( as a result of ) Amino Acids से Protein बनी हुई होती है | इसलिए इसको Protein की Constructing Block भी कहा जाता है।
यहाँ में आपको और भी बता दूँ Protein को हमारे मांसपेशियों का Constructing Block कहा जाता है| क्योंकि ( as a result of ) Protein हमारे शरीर में Muscle Synthesis करते हैं।
आपके शरीर के लिए कितना प्रोटीन सही है? – How a lot Protein you want !
मित्रों! किसी भी वस्तु अगर जरूरत से ज्यादा हो जाए तो, वह आपके विनाश का कारण बन सकता है| इसलिए ( therefore ) यहाँ ( right here ) पर अपने शरीर के लिए कितना Protein चाहिए? इसके बारे जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है| तो, मित्रों चलिए जानते है|
अगर हम भारत वर्ष की बात करें तो ,देश के ज़्यादातर लोगों में अच्छे से Protein की कमी देखी जा सकती है| क्योंकि ( as a result of ) हमारे देश के ज़्यादातर लोग शाकाहारी हैं , उनके खाने में ज्यादा मात्रा में Protein नहीं पाई जाती है| परंतु ( however ) में आपको बता दूँ की! शाकाहारी खाने में भी अगर आप चाहें तो अपने दिन भर के Protein की मात्रा को पूरा कर सकते हैं| में इसके बारे मे Protein की संज्ञा ( Protein Definition In Hindi ) के ऊपर आधारित इस लेख में बाद में और भी जानकारी दूंगा|
तो, आपको दिन में कितने ग्राम Protein की जरूरत है? मित्रों इस सवाल का जवाब एक व्यक्ति से दूसरे ( second ) तक काफी बदल सकता है| क्योंकि यह व्यक्ति के जीवनशैली पर निर्भर करता है| वैज्ञानिक कहते हैं की प्रति किलोग्राम ( kg ) के हिसाब से एक आदमी को दिन भर में 0.8 ग्राम से लेकर 2 ग्राम Protein की जरूरत पड़ती है.
परंतु ( however ) आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रति किलोग्राम ( kg ) के हिसाब से 1 से 1.2 ग्राम Protein काफी सही है| यहाँ ( right here ) और एक बाद याद रखना होगा की , आप एक ही समय में 26 से 30 ग्राम Protein को ही हजम कर सकते हैं| इसलिए ( therefore ) उसी हिसाब से आप अपने खाने का चयन करें| याद रखें की Protein की ज्यादा मात्रा बाद में ( later ) Kidney Stone का कारण भी बन सकता है|
Protein की संरंचना – Protein Construction In Hindi
अब आपने यहाँ ( right here ) पर जब Protein की संज्ञा ( Protein Hindi ) के बारे में जान ही लिया है | तो ,थोड़ा इसके संरचना के बारे में भी जान लीजिए|
जैसे की मैंने आपको ऊपर ( above ) बता रखा है की , Protein एक बृहत-अणु है| इसलिए इसके संरचना को मुख्य रूप से तीन चार हिस्सों में बाँटा गया है| तो, चलिए एक-एक कर के उन सारी संरचना के बारे में जानते हैं|
अब ( now ) हमारे शरीर में मौजूद Protein मुख्य रूप से 20 Amino Acids के समागम से बनी हुई है| जैसे की नाम से ही पता चल रहा है , एक Amino Acid में एक Acidic Amino ग्रुप और एक Acidic Carboxyl ग्रुप मौजूद होता है| इन्हीं ग्रुपों की वजह से ( because of this ) एक Amino Acid दूसरे Amino Acid से अच्छे तरीके से बंध कर रहता है|
Protein की इसी तरीके से बंधे हुए संरचना को Main Construction कहते हैं| दो Amino Acid के अंदर बनने वाला Bond को Peptide Bond कहते हैं| ज़्यादातर 50 या इससे कम Amino Acid से बनी ग्रुप को Peptides कहा जाता है और 50 से ज्यादा Amino Acid के ग्रुप को Protein कहा जाता है|
हमारे शरीर में मौजूद Protein का निर्माण हमारा DNA करता है| ठीक इसी ढंग से ( equally ) DNA हमारे शरीर में मौजूद RNA का भी निर्माण करता है| हालाँकि ( though ) Amino Acid के वजह से ( because of this ) Protein की Main construction बनती है | परंतु ( however ) हमारे शरीर में मौजूद ज़्यादातर Protein Tertiary construction के रूप में उपस्थित रहते हैं|
तो, चलिए अब Protein की संज्ञा ( Protein Definition ) के ऊपर आधारित इस लेख में आगे बढ़ते हुए Protein के Secondary construction ( protein secondary construction ) के बारे में भी जान लेते हैं|
Protein की Hydrogen Bonding के आधार पर अपना ही अलग के प्रकार का Secondary construction मौजूद है| यहाँ ( right here ) पर में आपको बता दूँ की Protein की मुख्य रूप से दो प्रकार की संरचना होती हैं|
पहला ( first ) Alpha- helix और दूसरा ( second ) Beta-sheet | यह दो प्रकार के संरचना Protein की स्थिरता को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर में होने वाले जैविक प्रतिक्रियाओं के लिए हर वक़्त तैयार रखते हैं|
Alpha-helix, Protein की Proper-handed coiled construction के रूप से परिचित है| यहाँ ( right here ) पर Protein Chain से निकलने वाली Substituents; principal chain से दाईं और से बाहर निकलती है| इसीलिए ( because of this ) Alpha-helix को Proper-handed coiled construction कहा जाता है| Aspect substituents की ग्रुप मुख्य रूप से N-H बॉन्ड के ऊपर ही मौजूद होती हैं|
Beta-sheet संरचना में Alpha-helix संरचना के विपरीत ( quite the opposite ) Hydrogen Bonding दो strand ( amino acid के ग्रुप ) के अंदर होने के बजाए , दो अलग-अलग strand के बीच में मौजूद होती है| यहाँ ( right here ) पर मौजूद दो strand parallel या anti-parallel के ढंग में आपस से जुड़े हुए होते हैं| परंतु ( however ) ज्यादातर anti-parallel construction ही ज्यादा steady होते हैं| क्योंकि ( as a result of ) इन में मौजूद hydrogen bond अच्छे से इनके अंदर संरेखित हो कर रहती हैं|
Protein की संज्ञा ( Protein Definition In Hindi ) के ऊपर आधारित इस लेख में अब ( now ) बारी आती है , Protein की Tertiary संरचना की| अगर में आसान भाषा में कहूँ तो , Protein की तीन-आयामी ( 3D ) संरचना को ही Protein की Tertiary construction कहते हैं|
यह संरचना Protein की सबसे steady और सबसे अधिक देखी जाने वाली संरचना है| हालाँकि ( though ) यह संरचना आपको पहली झलक में थोड़ा अजीब और आ-व्यवस्थित लग सकता है| परंतु ( however ) काफी सारे बलों के द्वारा सही तरीके से संतुलित यह संरचना काफी ज्यादा खास है|
इस संरचना में मौजूद Salt bridge और ionic interplay इसको और भी संतुलित बनाते हैं| यही कारण ( because of this ) है की Tertiary construction हमारे शरीर में सबसे ज्यादा मात्रा में पाये जाने वाला Protein का रूप है|
जैसे कई Amino Acid मिल कर एक Peptide को बनाते है| ठीक इसी तरह ( likewise ) कई Peptide आपस में मिल कर एक Protein Sub-unit का निर्माण करते है|
तो, मित्रों आमतौर पर Protein की Quaternary संरचना इन्हीं Protein Sub-unit के अंदर होने वाले प्रतिक्रिया को दर्शाता है| क्योंकि ( as a result of ) बाद में ( later ) यही Protein Sub-unit आपस में मिल कर एक Protein Advanced का निर्माण करते हैं|
तो, मित्रों यहाँ ( right here ) पर भी अन्य संरचना के भाँति Hydrogen Bonding , Di-sulphide bonding और salt-bridge इस संरचना के स्थिरता को सुनिश्चित करते हैं|
1. Main संरचना ( Main Construction ) :- – “about protein in hindi”
2. Secondary संरंचना ( Secondary Construction ) :-
3. Tertiary संरचना ( Tertiary Construction ) :-
“about protein in hindi”