शरीर के विकास और बीमारियों से बचने के लिए सभी तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। हर पोषक तत्व की अपनी अलग खासियत और अहमियत होती है। इसलिए, तंदुरुस्त रहने के लिए अक्सर डॉक्टर संतुलित आहार लेने की सलाह देते हैं। संतुलित आहार का अहम हिस्सा प्रोटीन भी है, जिसके बारे में हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में विस्तार से बताएंगे। प्रोटीन बालों और शरीर के हर अंग के स्वास्थ्य से किसी न किसी तरीके से जुड़ा है। शरीर में स्फूर्ति भरने के साथ ही अचंभित करने वाले स्वास्थ्य लाभ देने में भी यह पोषक तत्व मदद कर सकता है। इसलिए, इस आर्टिकल में हम शरीर में प्रोटीन की भूमिका, प्रोटीन के फायदे और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ के साथ ही शरीर में इसके आवश्यक मूल्यों के बारे में जानकारी देंगे।
प्रोटीन क्या है? – What’s Protein in Hindi
प्रोटीन एक तरह के अणु (मॉलिक्यूल) होते हैं, जो शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये कोशिकाओं में मौजूद होत हैं। प्रोटीन को शरीर के टिश्यू और अंगों की संरचना (स्ट्रक्चर), कार्य और रेगुलेशन के लिए आवश्यक माना जाता है। प्रोटीन, अमीनो एसिड नामक छोटी इकाइयों से बनता हैं, जो लंबी शृंखलाओं (चेन्स) में एक दूसरे से जुड़े होते हैं। 20 विभिन्न प्रकार के अमीनो एसिड से मिलकर प्रोटीन बनता है। वहीं, पाचन के दौरान प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ अमीनो एसिड के भागों में टूट जाते हैं। इन अमीनो एसिड की आवश्यकता अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बड़ी मात्रा में होती है (1) (2)।
अब जानते हैं कि आखिर प्रोटीन शरीर में किस तरह की भूमिका को निभाता है, यानी प्रोटीन के फायदे शरीर को क्या होते हैं।
आपके शरीर में प्रोटीन की भूमिका क्या है?
हमारे शरीर में प्रोटीन अहम भूमिका निभाता है। शरीर को एनर्जी व ऊर्जा देने के साथ ही शरीर के रखरखाव के लिए जरूरी होता है (3) (4)। आहार के माध्यम से रोजाना पर्याप्त प्रोटीन लेना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि शरीर इसे वसा या कार्बोहाइड्रेट की तरह स्टोर करके नहीं रखता है (4)। इनके अलावा, शरीर में प्रोटीन की भूमिका कुछ इस प्रकार है (2) (5) :
प्रोटीन के बारे में जानने के बाद शरीर को इस पोषक तत्व की आवश्यकता कितनी होती है, यह भी जान लेना जरूरी है।
आपको प्रोटीन की कितनी आवश्यकता है?
प्रोटीन की आवश्यकताएं व्यक्तिगत आधार पर भिन्न-भिन्न होती हैं और विभिन्न कारकों पर निर्भर भी करती हैं, जैसे कि आयु, स्वास्थ्य स्थिति और शारीरिक गतिविधि। हालांकि, इन कारकों पर ध्यान दिए बिना ही अगर सामान्य तौर पर प्रोटीन की दैनिक मात्रा की बात की जाए, तो व्यक्ति को अपने प्रति किलोग्राम वजन पर 0.8 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। जैसे मान लीजिए किसी का वजन 50 किलोग्राम है, तो उसे 50 से 0.8 ग्राम को गुणा (Multiply) करके आने वाले मूल्य का सेवन दैनिक रूप से करना चाहिए (6)।
वहीं, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, व्यक्ति के प्रतिकिलो वजन के अनुसार प्रतिदिन 1.6 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए (7)। वैसे देखा जाए, तो प्रोटीन का सेवन दैनिक रूप से कम-से-कम 50 ग्राम प्रतिदिन तो होना ही चाहिए। यह मूल्य प्रतिदिन आहार से 2 हजार कैलोरी लेने वालों के लिए है, क्योंकि प्रोटीन का दैनिक मूल्य शरीर के लिए जरूरी कैलोरी की आवश्यकताओं के आधार पर अधिक या कम होता है (5)। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
चलिए, अब बात करते हैं प्रोटीन फूड्स के बारे में।
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ – Protein Wealthy Meals in Hindi
प्रोटीन शरीर के लिए कितना जरूरी है, यह तो हम बता ही चुके हैं। ऐसे में अब प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक है। हम लेख में नीचे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
1. अंडा (Eggs)
अंडा प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। अंडे में मौजूद प्रोटीन एंटीऑक्सीडेंट गुण को भी प्रदर्शित करता है। खासकर, अंडे की जर्दी में मौजूद प्रोटीन। इसलिए, इसे हृदय संबंधी रोग के लिए फायदेमंद माना जा सकता है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है, इसलिए माना जाता है इसे नाश्ते में सेवन करने वाले लोगों के वजन को नियंत्रित करने में भी यह मदद कर सकता है। प्रोटीन के साथ ही इसमें मौजूद अन्य पोषक तत्व जैसे विटामिन और मिनरल्स की वजह से अंडे को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है (8)। खासकर, अंडे के सफेद हिस्से को मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद माना गया है (9)।
पोषण मूल्य: प्रोटीन की मात्रा पूरे कच्चे ताजा अंडे में प्रति 100 ग्राम (लगभग दो अंडे) में 12.5 ग्राम होती है। वहीं, झिल्ली (मेम्ब्रेन) के साथ अंडे की जर्दी में 15.9 ग्राम और अंडे के सफेद भाग में 10.90 ग्राम प्रोटीन होता है। हालांकि, अंडे में मौजूद पोषक तत्व के मूल्य मुर्गी की नस्ले के अनुसार कम या ज्यादा हो सकते हैं (10)। वहीं, एक मध्यम आकार के उबले हुए अंडे (50 ग्राम) में 6.29 ग्राम प्रोटीन होता है (8)।
2. पिस्ता (Pistachios)
प्रोटीन युक्त आहार में पिस्ता का नाम भी शामिल है। कई तरह के स्वास्थ्य लाभ के लिए पिस्ता को आहार में शामिल किया जा सकता है। इसमें प्रोटीन के अलावा, फाइबर, फोलेट, कैल्शियम और मैग्नीशियम भी पाए जाते हैं। इसमें मौजूद माइक्रो न्यूट्रिएंट्स (सूक्ष्म पोषक तत्वों) और मेक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) की वजह से इसे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता हैं। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने के साथ ही हृदय रोग के खतरे से बचा जा सकता है (11)।
पोषण मूल्य: पिस्ता में प्रति 100 ग्राम 20.6g प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा, पिस्ता ऊर्जा का भी अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें ऊर्जा 2332 KJ होती है। साथ ही फोलेट और फाइबर से भी पिस्ता भरपूर होता है (12)।
3. मूंगफली (Peanuts)
मूंगफली में भी प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में शामिल है। इसमें प्रोटीन के साथ ही फाइबर, पॉलीफेनोल, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। इन सभी को स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक माना गया है। मूंगफली शरीर में कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित होने से रोकता है, जिसकी मदद से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है। इसमें मौजूद कई पोषक तत्वों की वजह से कुपोषित लोगों को पर्याप्त पोषण देने के लिए मूंगफली के सेवन की सलाह दी जाती है (13)।
पोषण मूल्य: प्रति 100 ग्राम मूंगफली में प्रोटीन की मात्रा 25.8 ग्राम पाई जाती है (12)।
4. सोया दूध (Soy Milk)
सोया दूध, भिगोए हुए सोयाबीन को पीसकर निकाले गए सफेद रंग के पानी को कहा जाता है। इसे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन को प्राप्त करने का सबसे सरल और सस्ता तरीका भी माना जाता है। प्रोटीन से भरपूर सोया दूध को गाय के दूध की तरह ही संतुलित पोषक पदार्थ माना जाता है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल, ग्लूटन और लैक्टोज मुक्त होता है, इसलिए इसे और ज्यादा स्वस्थ और गाय के दूध से एलर्जिक लोगों के लिए विकल्प माना जाता है (14)।
पोषण मूल्य: सोया से बने दूध में प्रोटीन की मात्रा प्रति 100 ग्राम 2.6 g होती है (15)।
5. ग्रीक योगर्ट (Greek Yogurt)
दही में मौजूद अतिरिक्त व्हे (Whey) निकालने देने के बाद जो बचता है, उसे ग्रीक योगर्ट कहा जाता है। व्हे वो सफेद रंग का तरल पदार्थ होता है, जो दूध की दही जमाने के बाद या उसे फाड़ने के बाद निकलता है। यह नियमित दही के मुकाबले ज्यादा गाढ़ा, क्रीमी और हल्का खट्टा होता है। यह ग्रीक योगर्ट भी प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री में शामिल है, इसलिए प्रोटीन से भरपूर भोजन के लिए इसे अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। इसमें दूध और सामान्य दही के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है। यह ताकत को बढ़ाने, मांसपेशियों को विकसित करने और फैट फ्री मास यानी वसा के अलावा, हड्डी, पानी और कनेक्टिव टिश्यू को बढ़ावा देता है (16)।
पोषण मूल्य: प्रति 100 ग्राम ग्रीक योगर्ट में प्रोटीन की मात्रा 9.95g होती है (17)।
6. बादाम (Almond)
प्रोटीन युक्त आहार में बादाम का नाम भी शामिल है। बादाम प्रोटीन के साथ ही कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट, मैग्नीशियम, विटामिन ई और फाइबर मौजूद होते हैं। माना जाता है कि इनका सेवन करने से चयापचय संबंधी लाभ मिलता है। रिसर्च के मुताबिक इसका सेवन करने से हर समय कुछ न कुछ खाने की इच्छा और भूख में कमी पाई गई है (18)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, दैनिक रूप से बादाम का सेवन (स्नैक्स के रूप में) करने वालों में टोटल कोलेस्ट्रॉल और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर में कमी पाई गई है (19)।
पोषण मूल्य: बादाम में प्रोटीन की मात्रा 21.3g होती है (12)।
7. अखरोट (Walnuts)
अखरोट को ब्रेन फूड माना जाता है। इसमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा के साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है। यह मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। एक शोध में पाया गया है कि अखरोट में मौजूद यह फैटी एसिड कुछ नया सीखने की क्षमता को सुधारने के साथ ही स्मृति में सुधार करने में फायदा कर सकता है (20)। अखरोट में पाए जाने वाले पॉलीफेनोलिक यौगिक न केवल मस्तिष्क की कोशिकाओं पर ऑक्सीडेंट और इंफ्लेमेशन प्रभाव को कम करते हैं, बल्कि इंटर न्यूरॉनल सिग्नलिंग (तंत्र जिसके जरिए कोशिकाएं प्रतिक्रिया देती हैं) में सुधार करते हैं (21)।
पोषण मूल्य: अखरोट में प्रति 100 ग्राम प्रोटीन की मात्रा 15.23g होती है (22)।
8. एवोकैडो (Avocados)
प्रोटीन युक्त पदार्थ में एवोकैडो का नाम भी शामिल है। प्रोटीन के साथ ही डाइटरी फाइबर, सोडियम, मैग्नीशियम, विटामिन- ए, सी, ई, के1, बी-6, बी-3 और फोलेट जैसे तमाम पौषक तत्व मौजूद होते हैं। इस फल को सिर्फ 30 ग्राम खाने की सलाह दी जाती है।
8 रिसर्च के मुताबिक एवोकैडो हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। यह रक्त के लिपिड प्रोफाइल पर सकारात्मक असर डालकर हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है, क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में अनसैचुरेटेड और कम मात्रा में सैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं। एवोकैडो में मौजूद पोटैशियम और ल्यूटिन सामान्य रक्तचाप को बढ़ावा देते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं (23)।
पोषण मूल्य: प्रति 100 ग्राम एवोकैडो में प्रोटीन की मात्रा 2g होती है (24)।
9. ब्रोकली (Broccoli)
प्रोटीन युक्त आहार में ब्रोकली का नाम भी शामिल है। इसमें प्रोटीन के साथ ही सेलेनियम, मिनरल और ग्लूकोसिनोलेट्स कंपाउंड की अधिक मात्रा होती है। ये दोनों शरीर में कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रोटीन थिओरेडॉक्सिन की मात्रा को बढ़ाकर हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (25)। मोटापे से परेशान लोग ब्रोकली का सेवन करके लिवर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। ब्रोकली का दैनिक सेवन करने से लिवर डेमेज से बचा जा सकता है। साथ ही यह लिवर को ट्यूमर से भी बचाने में मदद कर सकता है (26)। रोजाना आधा कप ब्रोकली का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है (27)।
पोषण मूल्य: प्रोटीन से भरपूर भोजन करने के लिए ब्रोकली को भी आहार में शामिल किया जा सकता है। 100 ग्राम यानी करीब डेढ़ कप ब्रोकली में 1.18g प्रोटीन होता है (28)।
10. हरी मटर (Inexperienced Peas)
प्रोटीन युक्त पदार्थ में हरी मटर भी शामिल है। इसमें प्रोटीन के अलावा, फाइबर, स्टार्च और कई फाइटोकेमिकल पदार्थ पाए जाते हैं। इसमें मौजूद तत्वों की वजह से मटर में जीवाणुरोधी, एंटीडायबिटिक, एंटिफंगल, एंटी हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने वाला गुण), एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियां पाई जाती हैं। इसके अलावा, मटर में एंटी-कैंसर गुण भी पाए गए हैं। यह कैंसर को रोकने और बचाव में मदद कर सकते हैं (29)।
पोषण मूल्य: प्रति 100 ग्राम हरी मटर में 16.89 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है (30)।
11. ओट्स (Oats)
प्रोटीन युक्त आहार में ओट्स भी शामिल है। इसमें प्रोटीन के साथ ही बीटा-ग्लूकन (β-glucan) होता है। रोजाना 3 ग्राम बीटा-ग्लूकन का सेवन हृदय संबंधी समस्याओं से बचाने में मदद करता है (31)। साथ ही ओट्स का सेवन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करके और लाभदायक (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है (32)।
पोषण मूल्य: ओट्स में प्रति 100 ग्राम 12.5 g प्रोटीन पाया जाता है (33)।
12. चिया सीड्स (Chia Seeds)
चिया सीड्स प्रोटीन के साथ ही पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे घुलनशील डाइटरी फाइबर का अच्छा स्रोत है। चिया में मौजूद प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स की मात्रा भरपूर होती है। इसी कारण से इसका इस्तेमाल मोटापा, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों और परेशानियों से बचाने और रोकथाम में लाभदायक माना जाता है (34) (35)।
पोषण मूल्य: चिया सिड्स में 15.38 g प्रोटीन होता है (36)।
13. काजू (Cashews)
काजू में प्रोटीन के साथ ही कई महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं (37) (38)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के तहत जब भारतीयों के आहार में काजू को शामिल किया गया, तो रक्तचाप को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने का प्रभाव देखा गया (39)।
पोषक मूल्य – प्रोटीन की मात्रा प्रति 100 ग्राम काजू में 18.22 g होती है (40)।
14. पीकेन बटर (Pecan Butter)
पीकेन अखरोट की तरह ही एक नट होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से पीकेन बटर को भी काफी लाभदायक माना जाता है। पीकेन बटर में प्रोटीन के साथ ही आयरन, कैल्शियम और फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है (41)। हालांकि, इसके स्वास्थ्य लाभों को लेकर कोई वैज्ञानिक शोध तो मौजूद नहीं हैं, लेकिन इसमें मौजूद कैल्शियम की वजह से इसे हड्डी और फाइबर की वजह से इसे पाचन तंत्र के लिए लाभदायक माना जाता है।
पोषण मूल्य: पीकेन बटर में 100 ग्राम 9.68 g प्रोटीन होता है (42)।
15. क्विनोआ (Quinoa)
क्विनोआ एक तरह का साबूत अनाज होता है। इसमें प्रोटीन के साथ ही कई लाभदायक फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं, जिसमें अमीनो एसिड, फाइबर, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, विटामिन व मिनरल्स शामिल हैं। क्विनोआ प्रोटीन को अन्य अनाज के मुकाबले काफी उच्च माना जाता है, क्योंकि यह ग्लूटन-फ्री होता है, जो पाचनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर कोलेस्ट्रॉल और लिपिड के अवशोषण को रोकता है, जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल और लिपिड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
यह फाइबर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण और सूजन के जोखिम और गंभीरता को भी कम कर सकता है। क्विनोआ विटामिन का भी समृद्ध स्रोत है, जो चयापचय के लिए कोशिका (सेल) की ग्रोथ और विकास को विनियमित (रेगुलेट) करने, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हुए दृष्टि में सुधार करने और अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक माना जाता है (43)।
पोषण मूल्य: क्विनोआ में प्रति 100 ग्राम 5.71 g प्रोटीन होता है (44)।
16. मसूर की दाल (Lentils)
मसूर की दाल में प्रोटीन और आवश्यक अमीनो एसिड की उच्च मात्रा पाई जाती है। पॉलीफेनोल से भरपूर इस दाल को स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है। दरअसल, पॉलीफेनोल की वजह से मसूर की दाल में एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, एंटीफंगल, एंटीवायरल, कार्डियोप्रोटेक्टिव, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक, एंटीकैंसर और एंटी-ओबेसिटी गतिविधियां पाई जाती हैं। इसमें मौजूद पॉलीफेनोल खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद भी कर सकते हैं, जिससे कोरोनरी आर्टरी और हृदय संबंधी रोग से बचाव हो सकता है (45)।
पोषण मूल्य: मसूर की दाल में प्रति 100 ग्राम 28.57 g प्रोटीन होता है (46)।
17. चिकन ब्रेस्ट (Hen Breast)
चिकन ब्रेस्ट में प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है (47)। इसके अलावा, भुने हुए चिकन ब्रेस्ट में वसा की मात्रा भी कम होती है। इसलिए, लोग इसका सेवन कैलोरी की चिंता किए बिना कर सकते हैं। खासकर, बॉडी बिल्डर्स इसका उपयोग करते हैं, जो प्रोटीन के साथ ही कम वसा का सेवन कर वजन घटाना चाहते हैं (48)।
पोषण मूल्य: कच्चे चिकन ब्रेस्ट में प्रति 100 ग्राम 23.3g और भुने हुए चिकन में 30.2 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है (49)। इसके अलावा इसमें 80kcal ऊर्जा भी पाई जाती है (50)।
18. मीट (Meat)
मीट भी प्रोटीन युक्त भोजन में शामिल है। इसमें मौजूद प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट होने के कारण यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स (ब्लड ग्लूकोज लेवल बताने वाली संख्या) को कम करने में मदद करता है। इसलिए, इसे अधिक वजन, मधुमेह और कैंसर की रोकथाम के लिए फायदेमंद माना जा सकता है (51)।
पोषण मूल्य: मीट में प्रोटीन का 17.86 ग्राम मूल्य प्रति 100 ग्राम मौजूद होता है (52)। इसके अलावा, मीट कई तरह के सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे आयरन, सेलेनियम, विटामिन ए, बी 12 और फोलिक एसिड के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है (51)।
19. मछली (Fish)
प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री में मछली भी शामिल है। यह कम वसा के साथ ही उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन का बेहतर स्रोत मानी जाती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन, स्वस्थ आहार में प्रति सप्ताह कम से कम दो बार मछली को शामिल करने की सलाह देता है। प्रोटीन, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर मछली, रक्तचाप को कम करने के साथ ही दिल के दौरे व स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड स्वस्थ मस्तिष्क के लिए और शिशु के विकास खासकर, आंखों और तंत्रिका तंत्र के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसकी मदद से अवसाद, अल्जाइमर (याददाश्त से संबंधित बीमारी), अटेंशन-डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एकाग्रता में कमी और अतिसंवेदशील व्यवहार), डिमेंशिया (दिमागी विकार) के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है (53)।
पोषण मूल्य: मछली के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें से अधिकतर मछलियों में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। कस्क (Cusk) मछली में प्रोटीन की मात्रा 18.99 ग्राम पाई जाती (54)। कार्प (Carp) मछली में 17.83 ग्राम, सैल्मन (Salmon) में 19.93, सिस्को (Cisco) में 18.99 प्रोटीन होता है (55) (56) (57)। प्रोटीन के अलावा मछलियों में कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।
नोट: शरीर को होने वाले प्रोटीन के फायदे के लिए ऊपर दिए गए 19 खाद्य पदार्थों को आहर में शामिल किया जा सकता है। हां, अगर ऊपर दिए गए किसी भी प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो, तो उसके सेवन से बचें।
चलिए, अब एक नजर प्रोटीन के सप्लीमेंट्स पर डाल लेते हैं।
कुछ भरोसेमंद प्रोटीन सप्लीमेंट – Protein Dietary supplements in Hindi – “protein yukt bhojan”
3. सोया प्रोटीन सप्लीमेंट (Soy protein complement): सोया प्रोटीन का ज्यादा सेवन और कम मात्रा में एनिमल प्रोटीन का सेवन करने वालों में प्रोस्टेट और स्तन कैंसर का जोखिम कम पाया जाता है। इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, क्योंकि यह टोटल कोलेस्ट्रॉल, हानिकारक (LDL) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह के वसा) के स्तर को कम करता है। साथ ही यह रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं के बोन डेंसिटी को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं। साथ ही यह फ्रैक्चर के मामलों को भी कम करने में मदद करता है (60) (61)।
प्रोटीन की कमी के कारण शरीर को कई तरह की परेशानियां और विकार का भी सामना करना पड़ सकता है। क्या हैं वो विकार और शारीरिक समस्याएं, आइए जानते हैं।
शरीर में प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारियां
प्रोटीन की कमी ऐसा विकार है, जो असामान्य रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट) बनने का कारण बनता है। प्रोटीन की कमी होने पर असामान्य तरीके से रक्त जमने लग जाता है। वहीं, मध्यम प्रोटीन की कमी होने पर डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) हो जाता है। यह रक्त का थक्का जमने की वजह से पनपने वाली स्थिति होती है, जिसमें खून नसों में जमना शुरू हो जाता है। नीचे, हम विस्तार से शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं (64) (65)।
इनके अलावा, प्रोटीन के अपर्याप्त सेवन से बोन डेंसिटी में कमी आती है। वहीं, शोध में यह भी कहा गया है कि कम प्रोटीन का सेवन सीधे तौर पर हड्डियों के पुनर्जीवन, हड्डियों के निर्माण या दोनों की दरों को प्रभावित करता है या नहीं यह जानने के लिए अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है (66)।
वहीं, एक अनुसंधान से यह भी पता चलता है कि उच्च स्तर पर पशु से मिलने वाले प्रोटीन के सेवन से हृदय संबंधी बीमारियों, कैंसर और टाइप 2 मधुमेह के साथ ही समय से पहले मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है (67)।
प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री के बारे में विस्तार से इस आर्टिकल के माध्यम से आपको जानकारी मिल गई होगी। अब इस पोषक तत्व की आपूर्ति के लिए लेख में बताए गए 19 आहार को आप अपने प्रोटीन युक्त आहार लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। जैसा कि इस लेख में हम बता चुके हैं कि प्रोटीन की कमी से शरीर में कई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए स्वस्थ आहार लेते समय बताएं गए प्रोटीन से भरपूर भोजन को जगह जरूर दें। इसके अलावा, लेख से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।
खाएं स्वस्थ, रहें स्वस्थ!
“protein yukt bhojan”