क्रिएटिनिन क्या है, दरअसल यह उन अपशिष्ट उत्पादों में से एक है जिन्हें शरीर उत्पादित करता है, और जो किडनी द्वारा पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर सीरम क्रिएटिनिन परीक्षण (serum creatinine check) नामक जाँच के द्वारा मापा जाता है।
क्रिएटिनिन एक रासायन है और इसका रासायनिक सूत्र C4H7N3O है, और इसका आणविक वजन 113.12 Daltons है। क्रिएटिनिन सामान्य मांसपेशियों के ऊतकों के टूटने से बनता होता है। एक व्यक्ति के पास जितनी अधिक मांसपेशी होती है, उसका शरीर उतना ही ज्यादा क्रिएटिनिन पैदा करता है। रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर एक व्यक्ति की मांसपेशियों की मात्रा और किडनी की कार्यक्षमता दोनों पर ही निर्भर करता है। आम तौर पर क्रिएटिनिन टेस्ट के साथ BUN टेस्ट और यूरिन प्रोटीन टेस्ट भी किया जाता है।
किडनी किस प्रकार बनाती हैं क्रिएटिनिन का संतुलन
किडनी हमारे शरीर में क्रिएटिनिन जैसे अनेक पदार्थों जैसे सोडियम, पोटैशियम और फॉस्फेट का संतुलन बनाकर हमें स्वस्थ रखने में सहायता करती है। रक्त में मांसपेशियों के ऊतकों के टूटने से बनने वाले क्रिएटिनिन (बेकार पदार्थ) को पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकालकर शरीर में इसके स्तर को संतुलित करके रखती है।
किडनी द्वारा क्रिएटिनिन को साफ करने वाले रक्त की मात्रा को क्रिएटिनिन क्लीयरेंस कहा जाता है। किडनी के क्रिएटिनिन को साफ करने की यह प्रक्रिया ग्लोमेरुली नामक छन्नी करती है, इस क्रिया को (glomerular filtration fee, or GFR) के मापक से मापा जाता है। अर्थात एक मिनट में किडनी कितने रक्त को साफ कर रही है। एक स्वस्थ व्यक्ति में क्रिएटिनिन क्लीयरेंस 95 मिलीलीटर / मिनट (महिलाओं में) और पुरुषों के लिए 120 मिलीलीटर/ मिनट है।
इसका मतलब है कि एक स्वस्थ किडनी एक मिनट में 95 से 120 मिली. रक्त को क्रिएटिनिन रहित करती हैं। क्रिएटिनिन क्लीयरेंस की प्रक्रिया को मापने में मरीज का वजन, लंबाई, लिंग, और उम्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस जाँच से जानें रक्त में क्रिएटिनीन का स्तर
सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट (Serum creatinine check)-
KFT या RFT टेस्ट के अंतर्गत आने वाली यह जाँच मुख्य रूप से रक्त में क्रिएटिनिन के निर्माण की पहचान करती है। स्वस्थ कार्यक्षमता वाली किडनी क्रिएटिनिन को रक्त से पूरी तरह छानकर पेशाब के माध्यम से शरीर के बाहर निकाल देती है। रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाना किडनी की बीमारी का संकेत देता है।
इस जाँच को करने के लिए आपके रक्त का सेंपल लिया जाता है। प्रयोगशाला में उस रक्त की जाँच के बाद 24 घंटे के अंदर आपको रिपोर्ट मिल जाती है। रक्त में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर महिलाओं में 0.5 से 1.1 (mg/dL) और पुरुषों में 0.6 से 1.2 mg/dL होता है। क्रिएटिनिन का स्तर इस सामान्य स्तर से उच्च होने पर किडनी के रोग का संकेत देता है।
अध्ययनों में कहा गया है कि इस टेस्ट को कराने से पहले पका मांस न खाया जाए, क्योंकि पका हुआ मास क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा देता है। भारत में इस टेस्ट की कीमत 100 रुपए से 200 रुपए तक (प्रयोगशालाओं के हिसाब से) हो सकती है।
क्रिएटिनीन और eGFR में क्या है संबंध
क्रिएटिनिन को रक्त से साफ करना किडनी का काम है, और eGFR किडनी के उस काम की गति का मापक है। बहुत से लोग क्रिएटिनिन और eGFR को दो अलग-अलग जाँच समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। वास्तव में eGFR कोई अलग रक्त परीक्षण नहीं है, बल्कि इसकी गणना एक सूत्र का उपयोग करके की जाती है (इसीलिए इसे eGFR यानि estimated glomerular filtration fee या इ-जीएफआर कहा जाता है)।
यह मरीज के क्रिएटिनिन स्तर, आयु और लिंग पर निर्भर करता है, और इन्हीं के आधार पर अंतिम परिणाम एमएल / मिनट में निकलता है। एक स्वस्थ मनुष्य का eGFR 60 मिलि/मिनट से ज्यादा होता है, यदि आपकी रिपोर्ट में eGFR 60 मिलि/मिनट से कम है तो किडनी विफलता के किसी चरण पर हैं, तत्काल किडनी विशेषज्ञ से संपर्क करें। क्या होते हैं किडनी विफतला के वह चरण जिन्हें eGFR जैसे मापक से बांटा गया है-
क्रिएटिनिन बढ़ा है तो बीमारी के बारे में ज़्यादा जानने के लिए किडनी का अल्ट्रासाउंड (USG-KUB) और किडनी की बायोप्सी(“renal biopsy”) की ज़रुरत पड सकती है।
क्या हैं क्रिएटिनीन के निम्न स्तर के कारण
शरीर मेंक्रिएटिनिन का स्तर आपके शरीर के आकार, वजन और मासपेशियों के अनुसार औरों से भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, पुरुषों के लिए क्रिएटिनिन की सामान्य सीमा 0.6 से 1.2 मिलीग्राम / डीएल के बीच है, और महिलाओं के लिए सामान्य सीमा 0.5 से 1.1 मिलीग्राम / डीएल के बीच है। यदि शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर कम हो जाए तो स्वस्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
क्या है शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर कम होने के कारण-
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