जैसे चीज़ और आईसक्रीम से विटामिन डी नहीं मिलता है। इसलिए विटामिन डी को ‘सनशाइन विटामिन’ कहते हैं जिसकी पूर्ति एकमात्र सूर्य की रोशनी से हो सकती है। आपकी त्वचा का संपर्क जितना सूर्य की रोशनी से होगा उतनी ही कमी की पूर्ती होगी। न के बराबर रहते हैं। अमेरिकन रिसर्च के अनुसार पौष्टिक दूध में कुछ मात्रा में विटामिन डी मिलता है लेकिन वह हर दिन के जरूरत को पूरा करने में असक्षम होता है। लेकिन मुश्किल की बात ये है कि दूध से बने खाद्द पदार्थों डी वसा घुलनशील होता है जिसका सीधा स्रोत सूर्य की रोशनी या किरणें होती हैं। सबसे मुश्किल बात ये है कि प्राकृतिक तरीके से इसकी कमी की पूर्ती नहीं की जा सकती है यानि धूप
Good recommendation, in small doses.
विटामिन D3 की कमी के कारण और लक्षण
विटामिन डी: विटामिन डी2 और विटामिन डी3 में अंतर
करता है। लीवर चयापचय के प्रक्रिया द्वारा विटामिन डी2 को 25-हाइड्रोक्सीविटामिन डी2 और विटामिन डी3 को 25-हाइड्रोक्सीविटामिन डी3 में बदल देता है यौगिक को कैल्सिफेडॉल कहते हैं। कैल्सिफेडॉल रक्त में इसके स्तर से पता चलता है कि शरीर में इसकी मात्रा कितनी है। आपके शरीर को मिल रहे विटामिन डी2 (Vitamin D2) और विटामिन डी3 (Vitamin D3) को
विटामिन डी3 की कमी क्यों होती है
-अक्सर ये भी होता है कि रक्त से वसा की कोशिकायें विटामिन डी3 (Vitamin D3) को सोख लेती है जिसके कारण विटामिन डी की कमी हो जाती है, यानि बॉडी मास इंडेक्स जितना ज्यादा होगा शरीर में विटामिन डी की कमी उतनी ही होगी [4]।
किस उम्र में कितने विटामिन डी की होती है ज़रुरत
गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माँ : 5 माइक्रोग्राम (200 IU)
विटामिन डी3 की कमी के आम लक्षण
-रिकेट्स या सूखा रोग – वैसे तो आजकल इस रोग के होने की संभावना ना के बराबर हो गई है लेकिन इसकी हद से ज्यादा कमी के कारण बच्चों में सूखा रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
विटामिन डी3 की कमी से होने वाली बीमारियां-
शायद आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि जितना ब्लड में विटामिन डी होगा उतना कोलोन कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है [6]।