जिन बच्चों को जिंक की कमी होती है उनका शारीरिक विकास नहीं हो पाता। अतः जिंक की कमी नहीं हो इसका ध्यान रखना चाहिए। जिंक की कमी का पता करने के लिए कोई टेस्ट नहीं होता लेकिन कुछ शारीरिक लक्षण के आधार पर इसकी कमी का पता चल सकता है।
जिंक की कितनी मात्रा की जरुरत होती है
गर्भावस्था में महिलाओं को अधिक मात्रा में जिंक की जरुरत होती हैं। स्तनपान करने वाले शिशु को पर्याप्त मात्रा में जिंक लगभग 2 mg/day माँ के दूध से मिल जाता है। इसके बाद सिर्फ माँ का दूध पर्याप्त नहीं होता। विकास के लिए अन्य आहार से जिंक मिलना जरुरी होता है। 6 महीने से 3 साल तक के बच्चे को लगभग 5 mg और उसके बाद इससे कुछ अधिक मात्रा में जिंक मिलना जरुरी होता है।
जिंक की कमी किसको होती है
6 महीने से अधिक उम्र में भी सिर्फ माँ के दूध पर निर्भर रहने वाले बच्चे में जिंक की कमी हो सकती है। यौवन अवस्था में प्रवेश करने वाले किशोर आयु के लड़के लड़कियों को अधिक मात्रा में जिंक की जरूरत होती है। ध्यान नहीं रखने पर इन्हे जिंक की कमी हो सकती है।
जिंक की कमी के लक्षण – Zinc Defeciny Signs
— त्वचा का रूखापन
जिंक की कमी से क्या नुकसान होते हैं
कूल्हों या घुटने के जोड़ में दर्द का कारण जिंक की कमी हो सकती है। क्योकि हड्डियों में काफी मात्रा में जिंक होता है विटामिन D के उपयोग में भी जिंक आवश्यक होता है। जिंक की कमी का त्वचा , नाख़ून तथा आंखों पर भी विपरीत प्रभाव होता है।
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